हिन्दी Love शायरी on February 22, 2018 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps गगन में उड़ने वाला एक परिंदा हूँ मै, खुशी का वक्त है और फिर भी शर्मिंदा हूँ मै, अपनी वो खुश्बू भरी सांस न रुकने देना; तेरी उन सांसो के चलने से ही जिन्दा हूँ मै| Comments
Comments
Post a Comment